शुक्रवार, 1 फ़रवरी 2013

ओषधि सरसों का तेल Mustard Oil

आमतोर पर सरसों का तेल का इस्तेमाल रसोई घर में सब्जियों में अथवा अचार बनाने में किया जाता है। लेकिन इसकी महत्ता यही तक ही सिमित नहीं है।  इसमें छिपे है स्वास्थ्य और सोन्दर्य के राज़-

+ पैरों के तलवों में सरसों के तेल की मालिश करने से थकावट दूर होती है। 

+ कान दर्द सताए तो दो बूँद सरसों के तेल की डाल दे।

+ यदि कान में मैल जमा हो गया है तो दो बूँद सरसों के तेल की डाल दे, मैल फूल कर बाहर आ जाएगा।

+ कान में कीड़ा चला जाये तो सरसों के तेल में लहसुन की कलि मिला कर गर्म कर तथा गुनगुना रहने पर कान में एक-दो बूँद डाल दे। कीड़ा मर कर बाहर निकल आएगा।

+ सर्दीजुकाम से पीड़ित हो तो छाती तथा पीठ पर सरसों का तेल लगायें।

+ गठिया की शिकायत में सरसों के तेल में कपूर मिलकर प्रभावित अंग पर लगायें। 

+ दाद-खाज , खुजली आदि चर्मरोग से निजात पाने के लिए सरसों के तेल में आक के पत्तों का रस तथा हल्दी मिलकर गर्म करके छान कर शीशी में भर ले तथा प्रभावित भाग पर लगायें।

+ सरसों के तेल की मालिश करने से रक्त संचार बढता है तथा सफुर्ती आती है।

+ सरसों के तेल की मालिश नवजात शिशु और प्रसूता दोनों के लिए ही लाभदायक है।

+ सरसों का तेल में नियमित रूप से बालों पर लगाने से वह असमय सफ़ेद नहीं होते।

+ सर्दियों में सरसों के तेल की मालिश करने से सर्दी का असर कम होता है।

+ सरसों के तेल को गुनगुना करके पिंडलियों पर मालिश करने से पिंडलियों का दर्द समाप्त हो जाता है।



सुविचार-
सफलता खुशी की चाबी नहीं है । 
अपितु खुशी सफलता की चाबी है । 
आप जो कर रहे है अगर आप उससे प्यार करते है तो आप जरुर सफल होंगे ।

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