मंगलवार, 22 जनवरी 2013

अच्छा पडोसी बने


कहा गया है की जिसका हो पडोसी अच्छा, वो किस्मत वाला है। क्योकि आपके रिश्तेदार तो बाद में काम आयेंगे, मुसीबत के वक्त पहले पडोसी ही काम आता है। क्योकि रिश्तेदार व सम्बन्धी दूर होते है लेकिन पडोसी नजदीक होता है। इसलिए पडोसी चाहे परिवार हो, राज्य हो अथवा राष्ट्र हो , सबसे अच्छे सम्बन्ध होने चाहिए।
एक अच्छा पडोसी अच्छे रिश्तेदार से कम नहीं होता। परन्तु आज यह अपनत्व समाप्त होता जा रहा है। ईर्ष्या स्पर्धा और लालच ने सबकी आँखों में पट्टी बाँध दी है। अडोस-पड़ोस से प्रेम करने वाला ही सदा सुखी होता है। इसलिए अपने आस-पड़ोस वाले से कभी झगडा नहीं करना चाहिए। कारण कुछ भी हो उसे जल्दी से जल्दी मिटा देना चाहिए। छोटी-छोटी बातों के कारण झगडा नहीं करना चाहिए।
एक अच्छा पड़ोसे बनने के लिए निम्न बातों पर ध्यान देते हुए अवश्य अमल में लायें-

+ अडोस-पड़ोस में आपस में छोटी-मोती वस्तुएं माँगना चलताहै। लेकिन जहां तक संभव हो , इससे बचना चाहिए। अगर पड़ोसे कोई वास्तु मांगने आयें तो उसे तुरंत दे दें परन्तु स्वयं मांगने की आदान न बनायें।

+ अच्छे पडोसी आपके संरक्षक हो सकते है। इसलिए आपक जब कभी बहार जाएँ तो पड़ोसियों को कहकर जाए और हो सके तो पता व् टेलीफोन नम्बर भी देकर जाएँ ताकि आपकी अनुपस्थिति में कोई अप्रत्याशित घटना घटने पर वह आपको तुरंत सूचित कर सकें। 

+ एक अच्छा पडोसी होने का फर्ज निभाने के लिए पड़ोसियों के उनके सुख दुःख में साथ दें। उनके मांगलिक कार्यों में उनका साथ दे। उनक्मे भाग ले , लेकिन उनके निजी कार्यों में हस्तक्षेप न करें।

+ पड़ोसियों के यहाँ दुःख की घडी आने पर उनका पूर्ण सहयोग करें।

+ रेडियो, टीवी की आवाज धीमी रखें ताकि उनके बच्चों के पड़ने या पूजा-पाठ में विघ्न न पड़े।

+ छोटे बच्चों के कारन आपस में कभी झगडा मत करें।

+ पडोसी के विरुद्ध कभी गवाही मत दे , क्योकि आपको भी उनकी कभी आवश्यकता पद सकती है।

+ पड़ोसियों के घर ज्यादा मत जाएँ क्योकि इससे आपस में मन-मुटाव की आशंका बनी रहती है।


सुविचार-
जब हम अपने दोष देखेंगे, तो दूसरों के दोष देखने की फुर्सत ही नहीं मिलेगी ।

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