मंगलवार, 22 जनवरी 2013

लाभकारी नीम Neem

प्राचीन काल से नीम को अनेक बीमारियों को दूर करने के लिए ओषधि के रूप में प्रयोग किया जात ही।
नीम के बीजों में 45 प्रतिशत तेल पाया जाता है। इसके तेम में 'निम्बिदीन' नामक प्रमुख रसायनिक पदार्थ होता है। इसकी उपस्थिति के कारण नीम का तेल चरम रोग जलने के घाव, पायरिया तथा मसूड़ों से निकलने वाले रक्तस्त्राव में अत्यंत लाभकारी होता है। नीम का ओषधि के रूप में निम्नानुसार प्रयोग किया जा सकता है-

+ निम्बोलियों को पीस कर उनका रस बालों में लगाने से जूएँ मर जाती है।

+ नीम की पत्तियों को बारीक पीस कर रस निचोड़ कर एक गिलास रोज सुबह पीने से पेट की सभी बीमारियाँ दूर हो जाती है।

+ सेमल वृक्ष की जड़ तथा नीम की जड़ या पत्ती को पीस कर सुबह शक्कर में मिलकर पीने से पेशाब की जलन दूर हो जाती है।

+ नीम की गोंड को दांत की दर्द वाली जगह पर लगाने से दांत का दर्द ठीक हो जाता है।

+ किसी भी प्रकार का पेट दर्द होने पर नीम के पत्ते, आंक के फूल, लौंग और इलायची को मिलकर चीनी डालकर पानी में सिरका बना ले। इसकी छोटो छोटो चने के बराबर गोलियां बना कर खाने से पेट दर्द में आराम मिलता है।


सुविचार-

पैसों को जेब में रखों, दिमाग में नहीं ।

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