शनिवार, 26 जनवरी 2013

सनी लियोन हुई धार्मिक Sunny Leone

भारतीय मूल की कनाडियन पोर्न स्टार सनी लियोन अपनी पुरानी पहचान मिटाकर हिन्दुस्तानी लड़की और बॉलीवुड हिरोईन की छवि बनाने में जुटी है । किसी हद तक वे अपने मकसद में कामयाब भी हुई है । उनकी पुरानी इमेज के चलते उन्हें मुम्बई में किराऐ पर घर नहीं मिल रहा था, जो कि मिल चुका है । उन्हें पिछले साल एक नवरात्रि उत्सव से भी बैरंग लौटा दिया गया था । क्योंकि जनता उनके विरोध में आक्रामक हो गई थी । लेकिन हाल ही में उन्हें मुम्बई के प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर में एकता कपूर के साथ गणेश जी के दर्शन और पूजा पाठ का निर्विरोध अवसर मिला । मंदिर में सनी के चेहरे पर सच्ची भक्ति भावना और मंदिर के बाहर उमड़ी भीड़ के चेहरे पर सनी के लिए स्वीकारोक्ति साफ देखी जा सकती थी । खबरों की माने तो , पिछले साल भर में सनी का जैसे दूसरा जन्म हुआ है । वो हिनदू देवी देवताओ में अपार श्रद्धा रख़ने लगी है । और पोर्नोग्राफी के पुराने पेशे को हमेशा के लिए त्याग चुकी है । एकता कपूर की आगामी फिल्म 'रागनी एमएमएस -२ ' के बाद वे ऐसी पारिवारिक सामाजिक फिल्में करने की इच्छुक है, जो उनकी इंडियन गर्ल की इमेज बना सके ।

डियर सनी, इस इंडस्ट्री ने बहुतों के बहुत बड़े बड़े कारनामे भुला दिए, आपकी भी पुरानी इमज भुला दी जाएगी, फिक्र मत किजिए !


सुविचार-
कम समय में दिल में उतरने वाले लोग, कम समय में ही दिल से भी उतर जाते  .

5 माह की बेटी के होंठ नाक खा गया पिता


26 जनवरी, 2013
एक पिता अपनी पांच माह की बेटी के होंठ और नाक काटकर खा गया । तीन साल की दूसरी बेटी को भी जगह जगह काटा । इससे पहले पत्नी की जमकर पिटाई की । यह घटना 24 जनवरी रात की बीकानेर जिले सियाणा गांव की है । पुलिस ने आरोपी भादर सिंह को गिरफ्तार कर लिया है । घायल बच्चियों को अस्पताल में भर्ती करवाया है।
बच्चियों की मां संतोष ने पुलिस को बताया कि उसका पति भादर सिंह नशे में आया था । आते ही उसने मारपीट शुरु कर दी । इसके बाद तीन साल की बेटी भंवरी को जगह जगह से काट लिया । फिर पाँच माह की बेटी राधा को उठाया और उसके होंठ और नाक खा गया । संतोष और उसकी बहन ने पड़ोसियों को बुलाकर उसे काबू किया । 25 जनवरी को पुलिस बुलाकर मामले की सुचना दी गई ।



सुविचार-
खूबसूरत लोग हमेशा अच्छे नहीं होते,
अच्छे लोग हमेशा खूबसूरत नहीं होते। 

मंगलवार, 22 जनवरी 2013

अच्छा पडोसी बने


कहा गया है की जिसका हो पडोसी अच्छा, वो किस्मत वाला है। क्योकि आपके रिश्तेदार तो बाद में काम आयेंगे, मुसीबत के वक्त पहले पडोसी ही काम आता है। क्योकि रिश्तेदार व सम्बन्धी दूर होते है लेकिन पडोसी नजदीक होता है। इसलिए पडोसी चाहे परिवार हो, राज्य हो अथवा राष्ट्र हो , सबसे अच्छे सम्बन्ध होने चाहिए।
एक अच्छा पडोसी अच्छे रिश्तेदार से कम नहीं होता। परन्तु आज यह अपनत्व समाप्त होता जा रहा है। ईर्ष्या स्पर्धा और लालच ने सबकी आँखों में पट्टी बाँध दी है। अडोस-पड़ोस से प्रेम करने वाला ही सदा सुखी होता है। इसलिए अपने आस-पड़ोस वाले से कभी झगडा नहीं करना चाहिए। कारण कुछ भी हो उसे जल्दी से जल्दी मिटा देना चाहिए। छोटी-छोटी बातों के कारण झगडा नहीं करना चाहिए।
एक अच्छा पड़ोसे बनने के लिए निम्न बातों पर ध्यान देते हुए अवश्य अमल में लायें-

+ अडोस-पड़ोस में आपस में छोटी-मोती वस्तुएं माँगना चलताहै। लेकिन जहां तक संभव हो , इससे बचना चाहिए। अगर पड़ोसे कोई वास्तु मांगने आयें तो उसे तुरंत दे दें परन्तु स्वयं मांगने की आदान न बनायें।

+ अच्छे पडोसी आपके संरक्षक हो सकते है। इसलिए आपक जब कभी बहार जाएँ तो पड़ोसियों को कहकर जाए और हो सके तो पता व् टेलीफोन नम्बर भी देकर जाएँ ताकि आपकी अनुपस्थिति में कोई अप्रत्याशित घटना घटने पर वह आपको तुरंत सूचित कर सकें। 

+ एक अच्छा पडोसी होने का फर्ज निभाने के लिए पड़ोसियों के उनके सुख दुःख में साथ दें। उनके मांगलिक कार्यों में उनका साथ दे। उनक्मे भाग ले , लेकिन उनके निजी कार्यों में हस्तक्षेप न करें।

+ पड़ोसियों के यहाँ दुःख की घडी आने पर उनका पूर्ण सहयोग करें।

+ रेडियो, टीवी की आवाज धीमी रखें ताकि उनके बच्चों के पड़ने या पूजा-पाठ में विघ्न न पड़े।

+ छोटे बच्चों के कारन आपस में कभी झगडा मत करें।

+ पडोसी के विरुद्ध कभी गवाही मत दे , क्योकि आपको भी उनकी कभी आवश्यकता पद सकती है।

+ पड़ोसियों के घर ज्यादा मत जाएँ क्योकि इससे आपस में मन-मुटाव की आशंका बनी रहती है।


सुविचार-
जब हम अपने दोष देखेंगे, तो दूसरों के दोष देखने की फुर्सत ही नहीं मिलेगी ।

लाभकारी नीम Neem

प्राचीन काल से नीम को अनेक बीमारियों को दूर करने के लिए ओषधि के रूप में प्रयोग किया जात ही।
नीम के बीजों में 45 प्रतिशत तेल पाया जाता है। इसके तेम में 'निम्बिदीन' नामक प्रमुख रसायनिक पदार्थ होता है। इसकी उपस्थिति के कारण नीम का तेल चरम रोग जलने के घाव, पायरिया तथा मसूड़ों से निकलने वाले रक्तस्त्राव में अत्यंत लाभकारी होता है। नीम का ओषधि के रूप में निम्नानुसार प्रयोग किया जा सकता है-

+ निम्बोलियों को पीस कर उनका रस बालों में लगाने से जूएँ मर जाती है।

+ नीम की पत्तियों को बारीक पीस कर रस निचोड़ कर एक गिलास रोज सुबह पीने से पेट की सभी बीमारियाँ दूर हो जाती है।

+ सेमल वृक्ष की जड़ तथा नीम की जड़ या पत्ती को पीस कर सुबह शक्कर में मिलकर पीने से पेशाब की जलन दूर हो जाती है।

+ नीम की गोंड को दांत की दर्द वाली जगह पर लगाने से दांत का दर्द ठीक हो जाता है।

+ किसी भी प्रकार का पेट दर्द होने पर नीम के पत्ते, आंक के फूल, लौंग और इलायची को मिलकर चीनी डालकर पानी में सिरका बना ले। इसकी छोटो छोटो चने के बराबर गोलियां बना कर खाने से पेट दर्द में आराम मिलता है।


सुविचार-

पैसों को जेब में रखों, दिमाग में नहीं ।

सोमवार, 21 जनवरी 2013

सफ़र रहे सुखद और सुहाना For Your Happy Journey


यात्रा में कुछ लोग साथ हो तो बड़ा मजा आता है। गपशप और खान-पान में व्यस्त रहने से दूरी तथा समय का पता ही नहीं चलता। लेकिन कई बार ऐसे मोके भी आते है जब आपको अकेले ही सफ़र पर जाना पड़ता है। रोजगार हेतु परीक्षा या साक्षात्कार, नौकरी या किसी अन्य आवश्यक कार्यवश आपको अकेले ही सफ़र करना पद सकता है।ऐसे स्थिति में घबराएं नहीं कुछ बातों का ध्यान रखें-

+ अकेले यात्रा पर जाने का दिन निश्चित हो तो पहले से ही आरक्षण करवा लें ताकि यात्रा से ठीक पहले लायीं में खड़ा न होना पड़े और सीट भी मिल जाएँ।

+ बस या ट्रेन के रवाना होने का सही समय मालुम कर लें। समय पर घर से रवाना हो जाएँ।इससे आप घबराएंगे नहीं और बस या ट्रेन छूटने का भय भी नहीं रहेगा।

+ अकेले यात्रा कर रहे है तो सामान भी आपको अकेले ही उठाना है। इसलिए सामान कम-से-कम रखें।

+ यदि साक्षात्कार या नौकरी सम्बन्धी कार्य के लिए जा रहे है तो अपने सभी कागजाद पहले से ही चेक कर के फाईल में रख लें।

+ बिस्किट,नमकीन, फल, पानी इत्यादि लेना मत भूलें। इस से  आपको हर स्टेशन पर उतरने की जरूरत नहीं रहेगी।

+ सहयात्रियों से सामान्य बातचीत करें लेकिन यह न बताएं की आप कहाँ जा रहे है और क्यों जा रहे है।

+ सहयात्रियों से खाने-पीने की कोई भी चीज कतई स्वीकार न करें।

+ घर से चलने से पहले मोबाईल चार्ज करले और चार्जर साथ ले जाना न भूलें। अगर प्रीपेड नम्बर है तो पर्याप्त राशि डलवा कर रखें।

+ यदि किसी दोस्त या रिश्तेदार के यहाँ जाना है तो उनके पूरा पता और नम्बर लेलें। हो सके तो अपने आने सुचने पहले से ही देदे, ताकि वे आपको स्टेशन पर लेने के लिए आ सके।

+ अगर किसी होटल में रुकना हो तो किसी अच्छे होटल में रुकें, जो सुरक्षित भी हो और ज्यादा महंगा भी न हो और साथ ही आपके कार्यस्थल से ज्यादा दूर भी न हो।

+ एक-दो पात्र पत्रिकाएं भी साथ लेले ताकि सफ़र के दौरान बोरियत न हो।

+ बस व् ट्रेन में अपने सामान का पूरा ध्यान रखें। संभव हो तो अपने अटैची व् बैग आस-पास ही रखें।

+ सफ़र में सोबर कपडे पहने। शालीनता रखें। भाद्किलें वस्त्र आपको परेशानी में दाल सकते है।

+ सोने-चांदी के आभूषण न पहने। अधिक नकद राशि अपने साथ न रखें। डेबिट या क्रेडिट कार्ड का उपयोग करें।

+ कुली या टैक्सी करते समय भाड़ा पहलेही तय करले। इससे बाद के विवाद से आप बाख जायेंगें।


सुविचार-
बुराईयाँ जीवन में आए इससे पहले उन्हें मिट्टी में मिला दो, अन्यथा वो तुम्हें मिट्टी में मिला देंगी ।

रविवार, 20 जनवरी 2013

सुख समृधि व् अच्छे स्वास्थ्य के लिए



+ अगर आप इंटरव्यू के लिए जा रहे है तो नीले रंग के परिधान ही पहने। नीला रंग आत्मविश्वास में वृद्धि करता है और इंटरव्यू में सफल होने के लिए आत्मविश्वास की बहुत आवश्यकता होती है।
+ अपने परिवार में प्यार और एकता बढाने के लिए अपने परिवार के सदस्यों के फोटो का क्लोज़ बनाकर शयनकक्ष की पूर्वी दीवार पर लगाये।
+ झाडू एवं कूड़ेदान कभी भी घर के खुले स्थान में न रखे। रसोईघर में तो झाड़ू बिलकुल भी न रखे।
+ रसोईघर की स्थिति कभी भी घर के बीचों बीच नही होनी चाहिए। इससे परिवार का भाग्य प्रभावित होता है।
+ घर में हिंसा से सम्बंधित तस्वीरें न लगाएं। डूबता जहाज की तस्वीर , निराशाजनक चित्र और पोस्टर व्यक्ति के शारीरिक व् मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालते है।
+ आशा से भरे हुए चित्र व्यक्ति में आशा का संचार करते है।
+ अगर आप जल्दी शादी करने के इच्छुक है तो ड्रैगन का चित्र दीवार पर लगाएं।
+ आजकल शयनकक्ष में टीवी रखने का चलन बढता जा रहा है। जो स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है . टीवी से निकलने वाली तरंगें व्यक्ति की नींद में बाधा डालती है। शयनकक्ष में धीमा प्रकाश रखें। और बैड के नीचे कोई भी अनावश्यक वस्तुएं ने रखें। 


सुविचार-
 असफलता राह का एक मोड़ होता है न की राह की समाप्ति।

टूथपेस्ट छोटे बच्चों के लिए खतरा Toothpate For Children


दातुन तो बीते दिनों की बात हो गयी है। अब सर्वत्र टूथपेस्ट व् टूथब्रश का बोलबाला है। कभी टूथ पाउडर में दांतों को कीड़ों से बचाने के लिए तम्बाकू मिला होने की बात सामने आती है तो कभी टूथपेस्ट में दांतों को बचाने लिए अधिक मात्र में फ्लोराईड मिला होने की बात सामने आती है। यही फ्लोराईड बच्चों के लिए खतरा बन गया है। छोटे बच्चे टूथपेस्ट में रसायनों के अलावा मिलाई गयी मिठास के चलते उसे निगल लेते है। यही निगला हुआ टूथपेस्ट बच्चों के लिए खतरा बनता जा रहा है।
छह वर्ष की उम्र तक के छोटे बच्चे सुबह-सुबह टूथब्रश-पेस्ट का उपयग करते है। इसमें मिलाये गए फ्लोरयिद का काम दांतों को सड़न और कैविटी  से बचाना है, जबकि छोटे बच्चों द्वारा टूथपेस्ट खा जाने पर यह उनकी कई शारीरिक क्रियाओं को गड्ड-मड्ड कर देता है। पाचन क्रिया बिगड़ जाती है। मसूड़ों की कोशिकाएं निर्बल हो जाती है। बच्चों को टूथपेस्ट से मिले समस्त रसायनों के दुष्प्रभावों से बचाने के लिए चिकित्सक द्वारा बताये गए टूथपेस्ट का ही उपयोग करना चाहिए। साथ ही यह भी देखें की आप स्वयं जो टूथपेस्ट या ब्रश इस्तेमाल करते है वह इन्डियन डेंटल असोसिएशन से प्रमाणित है भी या नहीं। 


सुविचार-
 सरलता में महान सौन्दर्य होता है , जो सरल है वह सत्य के समीप है ।

शनिवार, 19 जनवरी 2013

जीवन में उमंग भरे रंग Colors Of Life


रंग अपनी ओजस्विता और प्रकाश से मानव मस्तिष्क और शरीर को प्रभावित करते है। सूर्य के श्वेत उज्जवल प्रकाश में सात रंग अंतर्निहित होते है। लाल पीला हरा, आसमानी, नीला और बैंगनी। ये सात रंग वस्तुत सात रंग की रश्मियाँ है। इन्हें त्रिआयामी शीशे से देखा जा सकता है। 
वैज्ञानिकों ने भी परीक्षणों के आधार पर रंगों के लक्ष्ण और प्रभावों की व्याख्या की है। वर्तमान समय में चल रही प्रचलित रंगों द्वारा चिकित्सा मानव जीवन में रंगों की महत्ता का बड़ा उदहारण है।
जीवन में अनुकूल रंगों का का उपयोग न केवल भाग्य को बलवान बनाता है, प्राक्रतिक रोगों का निदान भी कर सकता ही। मनुष्य के मस्तिष्क व् शरीर को प्रभावित करने वाले कुछ रंग ऐसे है-

लाल 
पवित्रता, शान्ति, विद्या और सभ्यता का प्रतीक है। इसके प्रयोग से चंचलता समाप्त होती है, संयमी व् सहनशीलता का परिचायक और विद्यार्थियों के लिए शुभ फल दायक है।

नीला 
स्नेह, शान्ति, बल-वीर भाव का प्रतीक है। व्यक्ति को सत्यभाषी, धार्मिक व् धैर्यवान बनाता है। इस रंग से अधिकाधिक प्रयोग से उच्च रक्तचाप, श्वास रोग आदि से राहत मिलती है।

पीला 
आनंद, कीर्ति, सुख, आरोग्यता व् योग्यता का परिचायक। हल्का या मिश्रित रंग बिमारी का सूचक है।पाचन के लिए लाभदायक . इसे पसंद करने वाले प्रशंसा के भूखे होते है।

हरा 
राजसी ठाठ, गर्व्शीलता, निरंकुशता का प्रतीक। मन को ताजगी शीतलता देने वाला। इसे चाहने वाले कर्मशील व् उन्साही होते है।

नारंगी 
रोग प्रिरोधक क्षमता बढाता है। इसे पसंद करने वाले व्यक्ति दयालु होते है। यह धार्मिकता , आध्यात्मिकता का परिचायक है।

काला 
सत्ता को नकारने वाला विमुखता प्रदर्शित करता है। इसे पसंद करने वाले हार न मानने वाले होते है। सुरक्षात्मक कवच के रूप में इस्तेमाल होता है।



सुविचार-
मुस्कान की कोई कीमत नहीं होती,
यह पाने वाले को खुशहाल करती है 
और देने वाले का कुछ भी घटता नहीं।

सर्वोत्तम व्यायाम है साईकल चलाना Cycling For Good Health


प्रत्येक व्यक्ति उम्र भर स्वस्थ, निरोग, तथा चुस्त-दुरुस्त रहना चाहता है।स्वयं को फिट रखने के लिए जिम में जाकर एक्सरसाईज भी करता है। लेकिन उसको छोड़ते ही हालत पूर्ववत हो जाती है। अब चिकिक्त्सा विज्ञानियों का  कहना है की फिट रहने के लिए जिम जाकर वजन उठाने की जरूरत नहीं है। यह काम साईकल चलने से भी पूरा हो सकता है। तीन देशों में किये गए इस अध्ययन के अनुसार शापिंग, बाजार और दफ्तर जाने के लिए साईकल के नियमित उपयोग आपको जिम में कसरत करने के मुकाबले आपको ज्यादा फिट रख सकता है।
साईकल को हर उम्र का व्यक्ति चला सकता है। बच्चे, युवा, किशोर और वृद्ध सभी अपनी अपनी क्षमता और उम्र के अनुसार साईकल चला सकते है। कम दूरी की आवाजाही के लिए साईकल को अपना कर व्यायाम की पूर्ति की जा सकती है। यह जिम जाकर वजन उठाने और शरीर को थकाने से सस्ता सौदा है। आर्थिक दृष्टि से भी देखा जाए तो साईकल चलने से महंगे पेट्रोल की बचत होती है तथा पर्यावरण को भी प्रदूषित होने से बचाया जा सकता है।

लड़कियों व महिलाओं के लिए तो यह सर्वोत्तम व्यायाम है। इसे वे आसानी से कर सकती है।
साईकल को गरीबी तथा पिछड़ेपन का प्रतीक न मानें। इसे चलाने अपनी सेहत के लिए जरुरी समझें।विदेशों में अमीर लोग भी साईकल चलाते देखे जा सकते है। जिससे वे जीवन भर चुस्त दुरुस्त रहते है। इसलिए साईकल चलाते समय किसी तरह की शर्म या संकोच नहीं करना चाहिए। साईकल चलने से पूरे शरीर की एक्सरसाईज होती है। जिनके घुटने दुखते हो या जोड़ो के दर्द सताते हो, उन्हें साईकल अवश्य चलानी चाहिए। इससे शरीर के जोड़ खुल जाते है और उनमे लोच आती है। डायबटीज के मरीजो के लिए स्यिक्ल चलन किसी दावा से कम नहीं। इससे काफी कैलोरी बर्न होती है। मोटापे से पीड़ित लोगो को साईकल अवश्य चलानी चाहिए। यह मोटापा बदने नहीं देता और अगर है तो उसे घटाता है। साईकल चलाने से पैरों की पिंडलियों की मांसपेशियां और जांघें भी मजबूत होती है। इससे शरीर में रक्त संचालन भी सही ढंग से होता है जिससे फेफड़े भी मजबूत होते है।



सुविचार-
बहुत से लोग इतना पैसा खर्च करते है, जितना वह कमा नहीं सकते,
वो वस्तुए खरीदने के लिए, जिनकी उन्हें जरुरत नहीं है,
उन लोगों को प्रभावित करने के लिए, जिनहें वह पसंद नहीं करते ।

अनिंद्रा से अल्सर


विशेषज्ञों के अनुसार अनिंद्रा के कारन अल्सर की सम्भावना बढ जाती है . इसलिए देर रात तक काम करना या देर से सोना ठीक नहीं। विशेषज्ञों के अनुसार पेट और छोटी आंत में ऐसे रसायन पाए जाते है जो क्षतिग्रस्त हुए ऊतकों की मुरम्मत  करते  है। अगर व्यक्ति देर से सोता है या अनिंद्र की समस्या से ग्रस्त है तो अल्सर का विकास होने की सम्भावना बढ जाती है।
इंग्लैण्ड में यूनिवर्सिटी आफ न्यूकैसल के विशेषज्ञों ने एक शोध ने इस बात अध्ययन किया की व्यक्ति की नींद की आदतों का उसके शारीर पर  प्रभाव पड़ता है। इस शोध में विशेषज्ञों ने टी .एफ .एफ . 2 नामक एक प्रोटीन के स्तर की जांच की,जो ऊतकों की मुरम्मत करता है। इस स्तर की जांच करने पर उन्होंने पाया की रात के समय यह प्रोटीन सबसे अधिक उत्पादित होता है और दिन समय कम।विशेषज्ञों के अनुसार हमारे पेट की अंदरूनी सतह पर हमारे द्वारा ग्रहण किये गए आहार से क्षति पहुँचती रहती है। और इसके लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण है की जो ऊतक क्षतिग्रस्त हो रहे है उनकी जल्द ही मुरम्मत हो जाये। टी . एफ . ऍफ़ . 2 प्रोटीन का अधिक स्तर ही अल्सर होने की सम्भावना को कम कर देता है। इसलिए अगर आप भी देर रात तक पार्टी में रहता है या देर रात तक जागते है तो आज ही से समय पर सोना प्रारम्भ कर दें क्योंकि यह न केवल अल्सर की सम्भावना को कम करेगा बल्कि आपने शरीर को भी कच समय का आराम मिल सकेगा और आप सुबह चुस्त महसूस करेंगे।



सुविचार-
किसी भी बात के लिए परेशान न रहने का एक ही रास्ता है कि हर बात के लिए प्रार्थना की जाए ।

शुक्रवार, 18 जनवरी 2013

सेब का छिलका 6 गुना अधिक लाभकारी Apple Peels


विज्ञानियों ने ये साबित कर दिखाया है की सेब के लाल छिलकों में एंटी-आक्सीडेंट की मात्रा अधिक  है। एंटी-आक्सीडेंट ऐसे रसायन है जो स्वास्थ्य को अच्छा एवं रोगमुक्त बनाने में अहम भूमिका निभाते है।
एग्रीकल्चर एंड एग्रो फ़ूड संस्थान कनाडा के वैज्ञानिकों ने सेब की आठ प्रजातियों पर शोध कर प्रमाणित किया है की लाल सब तुलनात्मक दृष्टि से अधिक स्वास्थ्यकारी होता है।इसके छिलके में भीतरी हिस्से की तुलना में एंटी आक्सीडेंटस की मात्रा 6 गुना तक अधिक पायी गयी है। इसलिए सेब खाते समय जहां तक हो सके , छिलके सहित ही खा लेना अधिक लाभकार एवं उपयुक्त रहता है। कैनेडियन अध्ययन दल का कहना है की ऐसे तकनीक का विकसित किया जाना संभव है जिससे सेब के उपयोग रहित भाग से एंटी आक्सीडेंट की मात्र को संरक्षित किया जा सकता है।



सुविचार-
भलाई करना कर्तव्य नहीं आनंद है,
क्योकि वह तुम्हारे स्वास्थ्य और सुख में वृद्धि करता है। 




शुक्रवार, 11 जनवरी 2013

मकर सक्रांति पर विशेष Makar Sakranti

मकर सक्रांति के दिन भगवान सूर्य अपने पूत्र शनि की राशि मकर में प्रवेश करते हैं । शास्त्र में इस अवधि को विशेष शुभ माना गया है । मान्यता यह भी है कि इस अवसर पर किए गए दान का फल सौ गुना होता है ।

 

क्या है संक्रांति

सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में संचरण का समय सक्रांति कहलाता है । सक्रांति से ही ऋतुएं भी परिवर्तित होती है । यद्यपि सूर्य संक्रांतियां 12 है, परन्तु इनमेसे मेष, कर्क, तुला और मकर संक्रांति मुख्य है । मेष संक्रांति में सौर वर्ष का आरम्भ माना जाता है और सूर्य का मकर राशि में प्रवेश करना मकर संक्रांति कहलाता है ।

 

सूर्य पूजा का महत्व

नवग्रहो में सूर्य प्रथम ग्रह है और सभी प्रकार की शक्ति का दाता भी सूर्य देव को ही माना गया है । यही नहीर सूर्य को पिता के भाव कर्म का स्वामी भी माना गया है । पुराणों वेदों आदि धार्मिक ग्रंथों में भगवान सूर्य को जगत का आत्मा बताया गया है । पिता पुत्र के संबंधो में विशेष लाभ के लिए पुत्र को सूर्य की पूजा करनी चाहिए । सूर्य पूजा से प्रत्येक कार्य में सफलता मिलती हैं ।

 

ऐसे करें पूजा

+ सूर्य की पूजा यदि प्रतिदिन करना संभव न हो, तो वर्ष में मकर संक्रांति के दिन विधि अनुसार सूर्य भगवान की पूजा जरुर करें । इस दिन स्नानादि करके लाल वस्त्र पहन कर सूर्य देव को जल अवश्य दें ।
+ यदि जनेऊ धारण किया है, तो वैदिक मंत्रों से भी पूजन करने का विधान है ।
+ सूर्य भगवान को नित्य तांबे के लौटे से कघ्र्य देना भी शुभकारी होता है ।
+ मकर संक्रांति के दिन तिल से बनी चीजें, गुड़, खिचड़ी, कंबल इत्यादि का दान भी शु भ माना गया है ।
+ गेहूं, गुड़ , घी, लाल चंदन, लाल वस्त्र, तांबे के बर्तन, मणिक्य, सूर्य यंत्र, सामथ्र्यनुसार सोना, लाल या भूरी गाय का भी दान कर सकते है ।
+ सूर्य द्वारा पीड़ित जातक सूर्य के रत्न माणिक्य का विधिपूर्वक रत्न प्रतिष्ठा करके धारण करें ।
+ सूर्य पूजा के बाद दक्षिणा पश्चात इस मंत्र का उच्चारण करें -
नाना सुगंधि पुष्पाणि यथा कलोद भवानि ।
पुष्पांजलि मर्यादत ग्रहाण परमेश्वरिः ।।



सुविचार-
घमण्डी के लिए कोई ईश्वर नहीं, 
ईष्र्यालु का कोई पड़ोसी नहीं 
और क्रोधी का कोई दोस्त नहीं ।

 

वाणी ही पहचान है


एक बार विक्रमादित्य वन विहार को गए । वहां उन्हें प्यास लगी । वन में एक कुआं था । राजा ने सिपाही से जल लाने को कहा । सिपाही वहां जाकर बोला, 
" ओ ओअंधे, एक लौटा जल दे ।"
नेत्रहीन व्यक्ति ने कहा, 
"जा मूर्ख सिपाही मेरे पास जल नहीं है ।"
सिपाही लौट आया । अब राजा ने सेनापति को भेजा । सेनापति ने कहा,
 "अंधे भाई, एक लौटा पानी दे दो ।"
नेत्रहीन व्यक्ति बोला, 
"कपटी सेनापति मेरे पास जल नहीं हैं ।"
आखिर राजा स्वयं वहां गए और बोले, 
"बाबा जी, प्यास से गला सूख रहा है , कृपया जल पिला दे ।"
नेत्रहीन व्यक्ति ने कहा, 
"महाराज बैठीए, अभी पिलाता हूँ ।"
राजा ने हैरान हो कर पूछा, 
"आपने नेत्र न होते हुए भी यह कैसे जान लिया कि पहले सिपाही, फिर सेनापति और फिर मैं राजा हूँ ।"
नेत्रहीन व्यक्ति ने हंसकर कहा, 
"महाराज व्यक्ति की पहचान उसकी वाणी से ही होती है ।"

वाणी में मधुरता होनी चाहिए । यह मधुरता आपको राजा बनाती है ।


सुविचार-
जीवन में कभी किसी को बेकार मत समझे, क्योंकि बन्द घड़ी भी दिन में दो बार सही समय दिखाती है ।

एक एक आना, भरे खजाना


पिछले साल आपने जितना कुछ बेवजह खर्च किया है, उससे सबक लेते हुए इस साल को बेहतर बनाइए । यदि आप पैसे बचाने की आदत अभी से ही डाल लेंगी, तो इसमे कोई शक नहीं कि आने वाले बड़े त्योहार में ये पैसे आप ही के काम आएंगे । अपने हर काम के लिए एक बजट बनाएं । शॉपिंग करने से पहले एक लिस्ट तैयार करें । जहॉ तक हो सके, खरीददारी कैश से ही करें । इस तरह आप क्रेडिट का इस्तेमाल कम-से-कम कर पाएंगी । अगर क्रेडिट से खरीददारी की है तो समय पर बिल चुकाय । इससे आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा रहेगा । और हाँ, अगर कुछ बैठे-बैठे करने का मौका मिल रहा हो, जिससे कुछ कमाई भी हो रही हो, तो आप जरूर ईसका आर्डर ले सकती है । इससे आप घर बैठे कुछ एक्स्ट्रा कमाई करेंगी और स्मार्ट हाऊस वाईफ भी कहलाएंगी ।
इमरजैंसी के लिए कुछ पैसे बचा कर रखें । साथ ही छोटे-छोटे निवेश भी करें । मगर कहीं भी निवेश करने से पहले निवेश से संबंधी पूरी जानकारी भी जरुर ले ।


सुविचार-
माँ भले ही पढ़ी लिखी हो या नहीं, लेकिन संसार सबसे महत्वपूर्ण और दुर्लभ ज्ञान हमें माँ से ही मिलता है ।

मंगलवार, 8 जनवरी 2013

मुँह की दुर्गन्ध से राहत पाएं Bad Breath


मुँह से दुर्गन्ध अगर आती हो तो उसे नज़र अंदाज़ नहीं करना चाहिए। उसका इलाज करना चाहिए। अपनी दिनचर्या में बदलाव लाकर आप मुंह की दुर्गन्ध  को बाए-बाए कह सकते है।


+ पेट को साफ़ रखें।प्रतिदिन सुबह शोच अवश्य जाएँ .
+ सुबह और रात में सोने से पूर्व अपने दांतों की सफाई अवश्य करें ताकि खाने के कण दांतों में सडन पैदा न करें .
+ दांतों की सफाई के साथ साथ प्रतिदिन जीभ को भी साफ़ करें ताकि उस पर चिकनाई की परत न  पाए .
+ दांतों और मसूड़ों से संबंधी कोई भी समस्या  पर दन्त चिकित्सक के पास जाए .
+ स्वस्थ रहने के नियमों को अपनाएँ .
+ कुछ भी खाने के बाद कुल्ला अवश्य करें . ताकि बचे कणों को सड़ने का अवसर न मिल सके . 
+ दिन भर में खूब पानी पियें .
+ भोजन सात्विक करें . 
+ तीखी गंध वाले पदार्थ का सेवन कच्चा न करें जैसे प्याज,लहसुन आदि . करना भी पड़े तो भोजन के उपरान्त सौंफ, इलायची, मिश्री, लौंग ले .
+ धुम्रपान तथा मादक पदार्थों का भी त्याग करें . 

फिर भी दुर्गन्ध बनी रहे तो अपने दन्त चिकित्सक से अपने दांतों की जांच करवाएं .


सुविचार-

यदि आप क्रोध के एक क्षण में धैर्य रखते है तो आप दुख के सौ दिन से बच जाते है ।

रविवार, 6 जनवरी 2013

ऐसे करें सुपरसाइज पर कंट्रोल

बच्चों में मोटापा तेजी से बढ़ रहा है । इसकी गिरफ्त में शहरी बच्चें ज्यादा है । इन भच्चों के लिए 'सुपर साइज' शब्द का इस्तेमाल करना गलत नहीं होगा । सवाल ये है कि हम क्या गलत कर रहे हैं ? मोटापे की वजह से हृदय रोग, मधुमेह जैसी खतरनाक बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं ।
इसका कारण ' ओबेसोजेनिक इन्वायरनमेंट' है । बच्चों की खानपान की आदतों का ध्यान रखने से मोटापे को काबू में कर सकते है । इसके लिए बच्चों में खेलकूद की गतिविधियों को बढ़ावा दें । उन्हें रोज 45 से 60 मिनट खेलने को कहें और उन्हें खाने-पीने की मीठी चीज़ों से दूर रखें ।
उन्हें टीवी के सामने बैठ कर खाना खाने से मना करें और डाइनिंग टेबल पर परिवार के साथ खाना खाने कौ कहे ।बच्चों को फल सब्जियों का अधिक सेवन करने को कहे । उन्हें पैक्ड-फूड या ज्यादा तेल वाले खाने का सेवन कम करने को कहें ।इससे शरीर को कोई ताकत नहीं मिलती और मोटापा बढ़ता है । बच्चों को स्नैक्स की खरीदारी सौंपे और रोस्टेड फूड, बेक्ड स्नैक्स आदि खरीदने को कहे । बेक्ड फूड में खाने की बहुत वेरायटी उपलब्ध है । इसमें बेक्ड चिप्स आदि हैं जो बच्चों को खाना पसंद होते है ।
इससे बच्चें अपनी मनपसंद सामान को शौक के साथ खरीदेंगे और खाएंगे भी ।उन्हें हैल्दी रेसिपी ढूंढने को कहें । उस रेसिपी को बना कर खिलाएं । उन्हें स्वस्थ खाने के बारे में बताए । उनहें पार्टी के लिए फास्टफूड रेस्त्रा में नहीं लेकर जाएं । इससे आप बच्चों में फास्टफूड ट्रेंड को प्रमोट करेंगे । आप बच्चों के लिए रोल -मॉडल हो । जैसा आप करेंग़े बच्चें वैसा करेंगे । जब बच्चें अच्छा खाना खाए तो उनकी तारीफ करें । उन्हें पुरस्कृत करे । इससे बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ेगा । वे सेहतमंद खाने की तरफ प्रोत्साहित होंगे ।


सुविचार-
धन को बर्बाद करने से तो आप केवल निर्धन होते है ।
परन्तु समय बर्बाद करने से आप अपने जीवन का एक हिस्सा गंवा देते है ।

सचिन देश में नई हरित क्रांति लाएंगे Green Revolution


उम्र 26 साल, देश में नई हरित क्रांति लाना है लक्ष्य सचिन का


एमए, एमएड की शिक्षा और काम है बागवानी का । 26 साल के सचिन का लक्ष्य स्पष्ट है । देश में फिर से हरित क्रांति लाना । इसके लिए उन्होंने पारिवारिक व्यवसाय छोङकर दोस्तो के बगीचों में बागवानी शुरु की । उदयपुर में 164 निजि बगीचों को विकसित कर चुके है । शहर के अधिकांश सरकारी बगीचों की देखरेख कर रहे है । एक लाख रुपय महीने का टर्न ओवर पहुँच गया है । 225 ओर लोगों को भी रोज़गार मुहैया करा रहे है । मैनपुरी ( उत्तर प्रदेश ) के सचिन ने बगीचों के देखरेख को 'युनिक गार्डन सोल्युशन' का पेटेंट भी कराया है । गार्डन मोबाइल वैन ऑनकाल बगीचों की देखरेख करने जाती है । सचिन ने कहा कि उनका लक्ष्य गांवों में कृषि उत्पादो के कार्पोरेट ऑफिस खुलवाना है । गांवों में ही प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित हो । पैकिंग व मार्केटिंग की सुविधा हो । ये उत्पाद गांवों से निर्यात किए जाए । किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह बहुत आवश्यक है ।



सुविचार-
 समय और समझ एक साथ खुशकिस्मत लोगों को ही मिलतें है , क्योंकि अक्सर समय पर समझ नहीं आती और समझ आने तक समय निकल जाता है ।

869 करोड़ का दहेज

चीन के बिजनेस टाइकून वू रुईबाओ ने अपनी बेटी को दहेज में 869
करोड़ रुपए दिए हैं। टाइल व्यापारी वू ने इतनी बड़ी धनराशि देकर एक
नया रिकॉर्ड बना दिया है। इसमें 4 डिब्बे भरकर सोना, पोर्श, मर्सिडीज बेंज, कंपनी के शेयर और प्रॉपर्टी शामिल हैं। इतना ही नही वू ने बेटी के लिए एक बैंक खाता खुलवाया। खाते में 17 करोड़ 72 लाख रुपए और कंपनी के 50 लाख शेयर जमा करवाए हैं। इन शेयर की कीमत 88 करोड़ 56 लाख रुपए है। तोहफों की लिस्ट में कुआंगजाउ स्थित रिटेल स्टोर, ओलिंपिक विला और वांडा मैंशन शामिल है। रुईबाओ की बेटी ने अपने बचपन के दोस्त जू से शादी की है। जू एक सिविल सर्वेंट है। 28 दिसंबर से शुरू हुआ शादी का समारोह 8 दिन तक चलेगा। बेटी की खुशहाल जिंदगी की दुआ के लिए वू ने 13 करोड़ 28 लाख रुपए दान भी किए हैं।


सुविचार-
बुद्धीमान व्यक्ति की प्रशंसा की जाती है । 
धनवान व्यक्ति से ईष्र्या की जाती है । 
बलवान व्यक्ति से डरा जाता है । 
परन्तु विश्वास केवल चरित्रवान व्यक्ति पर ही किया जा सकता है।

ऐसे करे बच्चों में सच बोलने की आदत का विकास



कई बार छोटी उम्र में बच्चें झूठ बोलते है । अभिभावक खुद को इसका कसूरवार मानते है । इसमें अभिभावकों की कोई गलती नहीं है । बच्चों के मानसिक विकास में झूठ बोलना शामिल है ।
लेकिन धीरे धीरे झूठ बोलना गम्भीर समस्या बन जाती है । बच्चें बातें छुपाने लगते है या अकेले रहने लगते है । बच्चों की यह आदत सुधारने के लिए अभिभावक ये करें -
+ जो बच्चें सच बोलना चाहते है वह सच बोलेंगे । अगर वे सच नहीं बोलना चाहते है तो ये आपकी जिम्मेदारी है कि आप उन्हें सच बोलने के लिए प्रोत्साहित करें । बच्चों पर दबाव न डाले । दबाव में बच्चें जल्दी झूठ बोलने लगते है ।
+ झूठ के मामले में अच्छी या बुरी धारणा न बनाएं । सच की आदत बढ़ाने के लिए चर्चा करें । बातचीत के लिए खुला वातावरण बनाएं । उन्हें सच की जानकारी दें । उन्हें बताएं कि विश्वास बनाने के लिए सच जरुरी है ।
+ जब आपको लगे कि बच्चा झूठ बोल रहा है तो उससे प्यार से सच बात पूछें । उसे डांटें नहीं । और जरुरी जब वह सच बात बोले तो उसे धैर्य और प्यार से सुने ।
+ बच्चा बार बार झूठ बोले तो उसकी गहराई तक जाएं । इससे परेशानी बढ़ सकती है ।
+ बच्चे पर रियलटी चैक करें यानी देंखे कि बच्चा दिन में कितनी बार और कब कब झूठ बोलता है । एक बात याद रखें कि बच्चें हमें लगातार देख रहे है , इसलिए कम से कम झूठ बोले । जो आप कहेंगे बच्चा वही सीखेगा ।।


सुविचार 
अपने अहंकार को थोङी देर के लिए हटा कर देखिए,
आपको अपने आस पास की हर छोटी चीज से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा ।

शनिवार, 5 जनवरी 2013

दवाओं का खूनी परिक्षण Deadly Drug Trials In India


हमारे देश में मरीजो पर नई दवाओं का परिक्षण अवैध रुप से धङल्ले से हो रहा है । भारत में दवा परिक्षण कानून ( Drug Trial Law ) 2005 में बना था । तब से लेकर आज तक 2282 ट्रायल को मंजूरी मिली है । जबकि इससे कई गुना ज्यादा संख्या में ट्रायल अवैध रुप से किए गए है ।
आंकङों के अनुसार पिछले 30 महिनों में अवैध ड्रग ट्रायल में 1300 लोग मारे गए है । 2010 की शुरुआत में ही ऐसे ही एक ट्रायल में 6 बच्चों की जान गई थी । मरीजों पर ये सब परीक्षण उनकी जानकारी के बिना किए गए है , जो कानूनन अपराध है । सर्वे के अनुसार अवैध दवा परिक्षण में हुई मृत्यु इस प्रकार है -
2007 में 137
2008 में 288
2009 में 637
2010 में 671

देश की सबसे बङी अदालत, सुप्रीम कोर्ट ने इस सन्दर्भ में केन्द्र सरकार को फटकार लगाई है । दवा परीक्षण के बहाने मासूम ज़िन्दगीयों के साथ खिलवाङ किया जा रहा है ।
अवैध ड्रग परीक्षण का बङा कारण दोषी के लिए सजा के प्रावधान का न होना है । और अगर एक एथिक्स कमेटी ड्रग ट्रायल पास नहीं करती तो इसे किसी दूसरी कमेटी से पास करा लिया जाता है । यही कारन है कि कई मल्टीनेश्नल कम्पनिया भारत में दवा परीक्षण करती है।इसलिए भारत में दवा परिक्षण कारोबार 16 अरब का हो गया है ।
सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती बरतते हुए केन्द्र सरकार को आदेश दिए है कि सभी दवा परिक्षण स्वास्थ्य सचिव की देखरेख में हो । कम्पनी मरीज को बिना बताए उस पर किसी भी तरह की दवा का परीक्षण नहीं कर सकती । मरीज की लिखित रजामन्दी आवशयक है । मरीज को दवा के सम्भावित नुकसान के बारे में बताना भी जरुरी है । कम्पनी द्वारा मरीज के लिए स्वास्थ्य बीमे का प्रबंध अनिवार्य है ।
नियमों का उल्लंघन करने पर दोषी को 5-10 साल की जेल हो सकती है और लाखों का जुर्माना भी लग सकता है ।

ज़ाहिर है, सुप्रीम कोर्ट के रुख़ और आदेश इस ओर कड़े है, लेकिन जब तक आदेशो की पालना भली-भाँति नहीं की जाएगी, ऐसे सख्त कानून से भी कुछ लाभ नहीं होगा ।



सुविचार 
निराशावाद भयंकर राक्षस है , जो हमारे नाश की ताक में बैठा रहता है ।
इससे जीवन के बहुमूल्य तत्व नष्ट हो जाते है । 
इससे विजय के कई मौके लुप्त हो जाते है ।

गुरुवार, 3 जनवरी 2013

महिला सहायता नम्बर Women Helpline Numbers For Different States



महिलाओं के साथ हो रही घटनाओ को धयान में रखते हुए सरकार ने हर राज्य में महिला सहायता नम्बर की सेवा शुरु की है । यह हर राज्य के लिए अलग अलग नम्बर पर उपलब्ध है । 
कुछ प्रमुख शहरों के नम्बर- 
दिल्ली         181
लखनऊ      1090
मुमबई        103
कोलकाता    1091
चंडीगढ़        1091
बैंगलोर        1091
 
इस सेवा की विशेषताए
+ यह विशेष रुप से महिलाओ के लिए है ।
+ इन नम्बर पर फोन करने पर सिर्फ महिला कार्यकर्ता बात करेंगी ।
+ शिकायतकर्ता की पहचान पूर्ण रुप से गुप्त रखी जाएगी ।
+ शिकायतकर्ता को कभी पुलिस थाने नहीं बुलवाया जाएगा ।
+ शिकायतकर्ता की संतुष्टि तक उससे फोन पर सम्पर्क रखा जाएगा ।
+ यह सेवा पूर्ण रुप से निशुल्क होगी ।


सुविचार 
जब तक हम दूसरों के बारे में नहीं सोचते, उनके लिए कुछ नहीं करते ,
तब तक हम खुशियों के सबसे बड़े स्त्रोत से वंचित रहते है।