बुधवार, 26 दिसंबर 2012

वर्चुअल एडिक्शन Virtual Addiction

बीटेक की स्टुडेंट क.ख.ग. और इंटरनेट का साथ पल पल का है । क्लास के घंटे छोड़ दे, तो उनका सारा दिन इंटरनेट के साथ गुजरता है । क.खग. मानती है कि इंटरनेट के चक्कर में उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है । लेकिन वह इससे दूर नहीं रह सकती । दरअसल वह इंटरनेट एडिक्शन या अब्यूज़ डिस्आर्डर ( आई ए डी ) की चपेट में है । इसे इंटरनेट ओवरयूज , प्रोब्लमैटिक कम्प्यूटर यूज या पैथोलॉजिकल कम्पयूटर यूज भी कहा जाता है , जिसका मतलब कम्प्यूटर , लैपटॉप, टैबलेट या सेलफोन पर इंटरनेट का जरुरत से ज्यादा इस्तेमाल है । इतना इस्तेमाल कि वह जिन्दगी में दखलअंदाजी करने लगते है ।
चीनमें इंटरनेट एडिक्ट पर हुई ब्रेन मैपिंग स्टडी में खुलासा हुआ कि यह लत दिमाग पर उसी तरह से असर डालती है , जैसे कोकेन या अल्कोहल एडिक्शन । वर्चुअल एडिक्शन के लेखक डेविड ग्रीनफील्ड के मुताबिक, इंटरनेट उसी तरह का डोपामाइन रश देता है, जो हमे जुआ खेलने से मिलता है । हाल ही में अथॉन्टिफिकेशन फर्म सिक्यारएन्वॉय की स्टडी से पता चला कि नोमोफोबिया ( नो मोबाइल फोबिया ) लगातार बढ़ रहा है । और 66 % लोग इसकी ज़द में है । दिलचस्प है कि बटुआ खोने की सुचना औसतन 26 घंटे में दर्ज कराई जाती है , जबकि फोन खोने की शिकायत औसतन 68 मिनट में हो जाती है ।
इंटरनेट से पढ़ाई लिखाई व दूसरे कामकाज या जानकारी लेना सही है । लेकिन, अगर यह आपकी ज़िन्दगी में खलल डालने लगे, आपकी नीन्द खराब करे, रिश्तें बिगाड़े, तो इंटरनेट से दोस्ती तोड़कर कुछ वक्त का ब्रेक ले लें ।

आप वर्चुअल एडिक्ट है अगर
# इंटरनेट पर तय लक्ष्य से ज्यादा वक़्त गुजारते है और ख़ुद पर कंट्रोल नहीं रहता ।
# नींद खुलने पर अपना फोन, टैबलेट, लैपटॉप या कंप्यूटर चेक करते है अथवा खोलकर बैठ जाते है ।
# मूड ऑफ होने पर इन गैजेट की ओर भागते है ।
# गैजेट से दूर होने पर खालीपन लगता है ।
# फेसबुक और चैटिंग या दूसरी वर्चुअल चीजों को जरुरत से ज्यादा भाव देते है ।
# कोई आपको इंटरनेट से दूर रहने की सलाह दे तो आप चिढ़ने लगते है ।

कैसे बचा जाए एडिक्शन की बला से
# इंटरनेट इस्तेमाल करने बैठे, तो वक्त तय करके अलार्म लगाइए और उसके बजते ही खड़े हो जाइए ।
# पढ़ाई या कामकाज के लिए नेट इस्तेमाल कर रहे है , तो काम खत्म होने पर तूरंत गैजेट से दूर हो जाइए ।
# परिवार और समाज में सक्रिय रहिए, ताकि अकेलेपन से बच सके ।
# अगर नेट की लत लग गई है, तो दोस्तो या परिवार के सदस्यों से इस तकलिफ को सांझा कीजिए ।
# रात में अपना फोन बिस्तर से दूर कपबर्ड में और लेपटॉप कहीं और रखिए ।


।। सुविचार ।।
अगर शनिवार व रविवार आपको उत्साहित नही करते तो आपको अपने मित्र बदलने की जरुरत है ।
अगर सोमवार आपको प्रोत्साहित नही करता तो आपको व्यवसाय बदलने की जरुरत है ।

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