भारतीय मूल के ब्रिटिशर डाक्टर की अगुवाई मी चिकित्सको के एक दल ने दिल की वाल्व को बदलने के लिए एक नयी तकनीक ईजाद की है जिसमे बस एक घंटे में एक सुराख के जरिये वाल्व को बदल दिया जाता है। इस तकनीक से दिल के उन मरीजो को फायेदा होगा जो इस कदर कमजोर होते है की दिल की ओपन हार्ट को बर्दाश्त नहीं कर सकते। सेंट थामस अस्पताल के विनायक बाटक और उनकी टीम ने यह प्रक्रिया तैयार की है। जिसे ट्रांस्कैठेत्कर एरोटिक वाल्व इम्प्लांटेशन ( टी . ए . वी . आई . ) नाम दिया गया।इसमें दिल का वाल्व होने की सर्जरी लोकल अनेस्थिसिया के तेहत होती है। और इसमें बाइपास सर्जरी की भी जरुरत नहीं होती।
रविवार, 16 दिसंबर 2012
दिल का वाल्व बदलेगा सिर्फ एक घंटे में TAVI
भारतीय मूल के ब्रिटिशर डाक्टर की अगुवाई मी चिकित्सको के एक दल ने दिल की वाल्व को बदलने के लिए एक नयी तकनीक ईजाद की है जिसमे बस एक घंटे में एक सुराख के जरिये वाल्व को बदल दिया जाता है। इस तकनीक से दिल के उन मरीजो को फायेदा होगा जो इस कदर कमजोर होते है की दिल की ओपन हार्ट को बर्दाश्त नहीं कर सकते। सेंट थामस अस्पताल के विनायक बाटक और उनकी टीम ने यह प्रक्रिया तैयार की है। जिसे ट्रांस्कैठेत्कर एरोटिक वाल्व इम्प्लांटेशन ( टी . ए . वी . आई . ) नाम दिया गया।इसमें दिल का वाल्व होने की सर्जरी लोकल अनेस्थिसिया के तेहत होती है। और इसमें बाइपास सर्जरी की भी जरुरत नहीं होती।
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