सर्दी आते ही विंटर डिप्रेशन सिंड्रोम सक्रिय होने लगता है। यह एसा सिंड्रोम है, जो व्यक्ति को अवसाद की ओर ले जाता है। अगर समय पर सही इलाज या काउंसलिंग न मिले तो व्यकति आत्मघातक कदम उठा सकता है।
सिविल अस्पताल के मनोरोग विभाग में इन दिनों विंटर डिप्रेशन सिंड्रोम से प्रभावित मरीजों के पहुँचने का सिलसिला शुरू हो गया है। मनोरोग विशेषज्ञ बताते है कि सर्दी के मौसम में अवसाद में जाने की संभावना 60 से 70 फीसदी तक बढ़ जाते है । व्यक्ति खुद को अकेला महसूस करता है । चिकित्सीय भाषा में इसे सीजनल इफेक्टिव डिस्आर्डर भी कहा जाता है ।
कारण
विंटर डिप्रेशन सिंड्रोम की मुख्य वजह सन लाइट कम होने की वजह से मस्तिष्क में होने वाला केमिकल असंतुलन बताया गया है । सर्दी में दिन छोटे होते हैं और सूर्य की रोशनी पर्याप्त नहीं मिल पाती, लिहाजा केमिकल असंतुलन होता है, जिस कारण व्यक्ति खुद को अवसाद से ग्रस्त पाता है ।
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