शनिवार, 13 अप्रैल 2013

आनंद व् शांति के मायने


एक बार एक मछुआरा समुद्र किनारे आराम से छांव में बैठकर शांति से बीडी पी रहा था। अचानक एक बिजनैसमैन वहाँ से गुजरा और उसने मछुआरे से पूछा "तुम काम करने के बजाय आराम क्यों फरमा रहे हो?"

इस पर गरीब मछुआरे ने कहा "मै आज के लिये पर्याप्त मछलियाँ पकड चुका हूँ ।"
यह सुनकर बिज़नेसमैन गुस्से में आकर
बोला "यहाँ बैठकर समय बर्बाद करने से बेहतर है कि तुम क्यों ना और मछलियाँ पकडो ।"

मछुआरे ने पूछा "और मछलियाँ पकडने से
क्या होगा ?"

बिज़नेसमैन : उन्हे बेंचकर तुम और ज्यादा पैसे कमा सकते हो और एक बडी बोट भी ले सकते हो ।

मछुआरा :- उससे क्या होगा ?

बिज़नेसमैन :- उससे तुम समुद्र में और दूर तक जाकर और मछलियाँ पकड सकते हो और ज्यादा पैसे कमा सकते हो ।

मछुआरा :- "उससे क्या होगा?"

बिज़नेसमैन : "तुम और अधिक बोट खरीद सकते हो और कर्मचारी रखकर और अधिक पैसे कमा सकते हो ।"

मछुआरा : "उससे क्या होगा ?"

बिज़नेसमैन : "उससे तुम मेरी तरह अमीर
बिज़नेसमैन बन जाओगे ।"

मछुआरा :- "उससे क्या होगा?"

बिज़नेसमैन : "अरे बेवकूफ उससे तू अपना जीवन शांति से व्यतीत कर सकेगा ।"

मछुआरा :- "तो आपको क्या लगता है, अभी मैं क्या कर रहा हूँ ?!!"

बिज़नेसमैन निरुत्तर हो गया ।

मोरल – "जीवन का आनंद लेने के लिये कल का इंतजार करने की आवश्यकता नहीं । और ना ही सुख और शांति के लिये और अधिक धनवान बनने की आवश्यकता है । जो इस क्षण है, वही जीवन है। दिल से जियो" ।


सुविचार-
 दूसरों को सहयोग देना ही 
उन्हें अपना सहयोगी बनाना है

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