मंगलवार, 5 फ़रवरी 2013

बचें विषाक्त भोजन से Food Poisoning


विषाक्त भोजन तथा भोजन विषाक्तता को फ़ूड पायजनिंग कहा जाता है। भोजन के पकाने में लापरवाही , इसके बासी या पुराना हो जाने अथवा असुरक्षित ढंग से इसे रखने एवं खाने पर व्यक्ति इस से पीड़ित होता है। लक्षण दीखते ही इसका उपचार जरुरी है। अन्यथा भोजन के विष का प्रभाव शरीर में बाद जाने पर व्यक्ति की मौत भी हो सकती है।

लक्षण 
ऐसे भोजन के सेवन के कुछ देर बाद पेट फूलने जैसा लगता है। पेट में दर्द व् मरोड़ होता है। नाभि के आस-पास तेज दर्द होता है। सर चकराने लगता है,बेहोशी छा जाती है।  उल्टियां होने लगती है, दस्त भी होने लगते है। व्यक्ति में इनमे से एक या अधिक लक्षण भी एक साथ प्रकट हो सकते है।

कारण 
भोजन पकाने में लापरवाही या इसे सही ढंग से सुरक्षित नहीं रखने पर भोजन में तरह-तरह के घातक बैक्टीरिया उत्पन्न हो जाते है जो भोजन को विषाक्त बना देते है। यह सलाद, दही, खीर, खोया,मांस,ब्रैड अथवा दूध से बनी वस्तुओं के बासी होने पर घातक बैक्टीरिया के उत्पन्न होने के कारण होता है।

क्या करें 
विषाक्त भोजन का प्रभाव एक से 6 घंटे के भीतर दिखने लगता है। लक्षण दिखने पर   जीवन रक्षक घो;, फलों का रस, सूप कम मात्रा में धीरे-धीरे पियें बिना बुलबुले वाला सोडा भी पी सकते है। यदि सीने में जलन रोकने वाली गोली या एसिडिटी दूर करने वाली गोली फ़ूड पायजनिंग या डायरिया की स्थिति में लेते है तो मामला और बिगड़ सकता है। 
शरीर में घातक बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता होती है जो उक्त गोलियों के लेने से पीड़ित की ताकत क्षीण कर देते है। वैसे स्वयं उपचार या राहत पाने की उपाय करने की बजाये योग्य चिकित्सक से तत्काल जांच और उपचार करवाएं अन्यथा ये महामारी भी बन सकती है। 

सावधानियां 
+ सलाद व् अंकुरित चीजें साफ़ सुथरी रखें 
+ भोजन से पूर्व हाथों को भली भाँती साफ़ करें।
+ ज्यादा पुराना खट्टा दही न खाएं .
+ बासी भोजन करने से बचे।
+ गन्दी जगहों की बाजारी वस्तुओं का सेवन न करें।
+ सदी-गली, फल-सब्जी का किसी भी रूप में सेवन न करें।
+ अप्रचलित फल-सब्जी व् मशरूम को भली प्रकार  कर लें।
+ डिब्बाबंद, बोतलबंद चीजों की निर्माण व् कालातीत होने की तारिख देख कर ही प्रयोग करें।
+ किसी भी खाद्द वस्तु में अपरिचित गंध या दुर्गन्ध होने पर उसका सेवन न करें।



सुविचार-

प्रार्थना ऐसे करनी चाहिए जैसे कि सब कुछ ईश्वर पर निर्भर करता है

और काम ऐसे करना चाहिए कि सब कुछ हम पर निर्भर करता है ।

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