दुनिया का सबसे चौड़ा पेड़ 14400 वर्ग मीटर में फैला है। कोलकाता के पास आचार्य जगदीश चन्द्र बोस बाटेनिकल गार्डन में लगा यह बरगद का पेड़ 250 वर्ष से अधिक समय में इतने बे क्षेत्र में फ़ैल पाया है। ऐसे में दूर से देखने पर यह अकेला बरगद का पेड़ एक जंगल क तरह नज़र आता है। दरअसल, बरगद के पेड़ की शाखाओं से जटाये पानी की तलाश में निचे जमीन की और बदती है। ये बाद में एक जड़ के रूप में पेड़ को पानी और सहारा देने लगती है। ये सिलसिला चलता जाता है। फ़िलहाल इस बरगद की 2800 से अधिक जटाएं जड़ का रूप ले चुकी है। 19 वीं शताब्दी में यहाँ आये २ चक्रवर्ती तूफानों ने इसकी 50 फीट चौड़ी मूल जड़ को उखाड़ दिया , जो बाद में फंगस लग जाने की कारन खराब हो गयी। 1925 में इस जड़ को काट कर अलग कर दिया गया। मगर तब तक पेड़ की कई जटाएं स्थायी जड़ के रूप ले चुकी थी। इस कारन बरगद लगातार बढता जा रहा है।
शुक्रवार, 23 अगस्त 2013
एक पेड़ का जंगल
दुनिया का सबसे चौड़ा पेड़ 14400 वर्ग मीटर में फैला है। कोलकाता के पास आचार्य जगदीश चन्द्र बोस बाटेनिकल गार्डन में लगा यह बरगद का पेड़ 250 वर्ष से अधिक समय में इतने बे क्षेत्र में फ़ैल पाया है। ऐसे में दूर से देखने पर यह अकेला बरगद का पेड़ एक जंगल क तरह नज़र आता है। दरअसल, बरगद के पेड़ की शाखाओं से जटाये पानी की तलाश में निचे जमीन की और बदती है। ये बाद में एक जड़ के रूप में पेड़ को पानी और सहारा देने लगती है। ये सिलसिला चलता जाता है। फ़िलहाल इस बरगद की 2800 से अधिक जटाएं जड़ का रूप ले चुकी है। 19 वीं शताब्दी में यहाँ आये २ चक्रवर्ती तूफानों ने इसकी 50 फीट चौड़ी मूल जड़ को उखाड़ दिया , जो बाद में फंगस लग जाने की कारन खराब हो गयी। 1925 में इस जड़ को काट कर अलग कर दिया गया। मगर तब तक पेड़ की कई जटाएं स्थायी जड़ के रूप ले चुकी थी। इस कारन बरगद लगातार बढता जा रहा है।
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