योग प्राचीन समय से मानसिक शान्ति के लिए अपनाया जाने वाला मन्त्र है. यह शरीर आत्मा और दिमाग तीनो के लिए सामूहिक र्रूप से काम करता है. योगाचार्य कहते है की योग करने से आत्मिक शान्ति की अनुभूति होती है.
योग का परिणाम
योग शरीर के लिए किसी रामबाण के समान है. यह बात विज्ञान भी मानता है. रेगुलर योग करने से ह्रदय स्वस्थ रहता है. और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढती है. इसके रोजाना अभ्यास से एनर्जी लेवल बढता है. और मानसिक शान्ति मिलती है.
एक कारगार उपाय
एकाग्रता बढाने के लिए प्राणायाम, आसन और ध्यान लाभदायक है. एक्सपर्ट कहते है की प्राणायाम पर अच्छी पकड़ होने से एकाग्रता बढती है. इसमें धीमी और गहरी गति से सांस लेने के विभिन्न तरीके सिखाएं जाते है. जो श्वास सम्बन्धी गड़बड़ियों को दूर करने के साथ साथ फेफड़ों की कार्यक्षमता बढाने में भी मददगार है. आसन में स्टैंडिंग , बैलेंसिंग , फारवर्ड और बैकवार्ड बेंड्स और ट्विस्ट शामिल है. यह शरीर को मजबूती देने के साथ साथ ही मांसपेशियों में लचीलापन लाने में भी मददगार है. इसके अलावा योग शरीर का रक्त संचार बढाने में भी सहायक है. वाही ध्यान से दिमाग शांत व् स्थिर रहता है. हालांकि इसका ठोस सबूत नहीं मिला है की योग मानसिक स्तर पर असर कैसे डालता है. हालांकि यह स्ट्रेस दूर करने में शत प्रतिशत कारगार है.
ध्यान रखें
योग करते समय सावधानी रखें ताकि साईड इफैक्ट न हो . योग क्लास शुरू करने से पूर्व योग गुरु को अपनी शारीरिक और मानसिक परेशानियां बताये. यदि आप हाई ब्लड प्रेशर , ग्लूकोमा और हार्निया के मरीज है, तो अपसाईड डाउन पाशचर से परहेज करे, गर्भवती महिलायें बिना सलाह के कोई आसन न करें .
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