
माँ घर आई तो उसने बहू से पूछा कि क्या लड़के ने भोजन कर लिया ? वह बोली कि उन्होंने तो भोजन किया हीं नहीं, उल्टा नाराज हो गए. माँ ने लड़के से पूछा तो वह बोला कि माँ, तू रोजाना कहती थी कि ठण्डी रोटी खा लो और मैं सह लेता था, अब यह भी कहना सीख गई. रोटी तो गरम होती है, तू बता कि रोटी ठण्डी कैसे है ? माँ ने पूछा कि ठण्डी रोटी किसे कहते हैं ? लड़का बोला- सुबह की बनाई हुई रोटी शाम को ठण्डी होती है. ऐसे ही एक दिन की बनाई हुई रोटी दूसरे दिन ठण्डी होती है. बासी रोटी ठण्डी और ताजी रोटी गरम होती है. माँ ने कहा- बेटा, अब तू विचार करके देख. तेरे बाप की जो कमाई है, वह ठण्डी बासी रोटी है. गरम, ताजी रोटी तो तब होगी, जब तू खुद कमाकर लाएगा. लड़का समझ गया और माँ से बोला कि अब मैं खुद कमाऊँगा और गरम रोटी खाऊंगा.
सुविचार:एक को मजबूती से पकड़ लो तो अनेकों की चापलूसी नहीं करनी पड़ेगी ।
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